14 अप्रैल को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी जब उन्होंने यह भी कहा था कि युवा और छात्र को भी को भी Convid-19 से लड़ने के लिए आगे आए और शोध कार्यों में मदद करें उनकी यह अपील के बाद देशभर के छात्र विभिन्न प्रकार की उपकरण बनाने मैं झूठ गए जिसने खोलना संक्रमण के खिलाफ जंग जीती जा सके।

वह 7 आविष्कार कुछ इस प्रकार है।

1 आविष्कार - अगर किसी को सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करना मुश्किल लग रहा हो कवच नामक एक उपकरण उसकी सहायता कर सकता है। यह एक चकोर आकार के पेंडेंट है, जिसे गले में पहना जा सकता है अगर कोई आपका 1 मीटर से ज्यादा नजदीक आ जाता है, तो यह पेंडेंट चमकने लगता है इस उपकरण को पंजाब में स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के बी.टेक छात्र प्रवीण कुमार दास ने बनाया है।


इस तरह काम करता है यह उपकरण:-

इश्क उपकरण में एक इनबिल्ट वाइब्रेटर है एलईडी लाइट शरीर का तापमान मापने वाला सेंसर और बी पर लगा हुआ है यह उपकरण हर 30 मिनट पर व्यक्ति का हाथ धोने के लिए रिमाइंडर भेजता है और शरीर का तापमान बढ़ने पर s.m.s. भेजता है।

2 आविष्कार - आईआईटी हैदराबाद और सेंटर फॉर हेल्थ केयर entrepreneurship की मदद से स्थापित एयरोबायोसिस इंवेंशन नामक एक स्टार्टअप ने कम लागत वाला एक वेंटिलेटर बनाया है जिसका नाम जीवन लाइट रखा गया है या पोर्टेबल वेंटीलेटर है जिससे एप से भी चलाया जा सकता है हर दिन 50 से 70 घंटे वेंटीलेटर बनाने का लक्ष्य रखा है पारंपरिक वेंटीलेटर की कीमत 1.5 लाख से ज्यादा है जबकि जीवन लाइट का एक लाख की कीमत पर बेचा जाएगा।

3 आविष्कार - आइटिआई गुवाहाटी के छात्रों ने लोगों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर नजर रखने और उन्हें चेतावनी देने के लिए मारुत नामक ड्रोन बनाया है इसमें साउंड और स्पीकर सिस्टम भी लगा है जो ऊपर से मंडराते हुए लोगों के घर में अंदर जाने का हो कहेगा।


4 आविष्कार - इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस आईआईएससी भी वेंटिलेटर बनाने का काम कर रहा है संस्थान के इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के प्रोफेसर ने कहा पिछले 10 दिनों से हम दिन रात काम कर रहे हैं अप्रैल में के अंत तक वेंटिलेटर उत्पादन के लिए तैयार हो जाएंगे । वेंटीलेटर बनाने के इस कार्य में पूर्व फैकल्टी के सदस्य, बैंगलोर के इंजीनियर मानस प्रधान और सौगंध इलेक्ट्रिक ने मिलकर काम किया।

5 आविष्कार - नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी वारंगल एक convid-19 सुपर कंप्यूटर बना रहा है यह वायरस के स्ट्रक्चर पर शोध करने और भविष्य में इनके इलाज ढूंढने में मदद कर सकता है वायरस पर तापमान और आर्द्रता पर पड़ने वाले असर का भी यह इस सुपर कंप्यूटर के माध्यम से पता लगाया जा सकेगा।


6 आविष्कार - आईआईटी गुवाहाटी के छात्र गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को 5000 बोतल सेनिटाइजर बना कर दिया है संस्थान ने दो पॉलिमरेज चैन रिएक्शन मशीन भी अस्पताल को दिया है जिससे कोरोना वायरस मरीजों का परीक्षण किया जा सकता है।



7 आविष्कार - आईआईटी मद्रास ने छात्रों के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए चेहरे को पूरी तरह रखने वाले सस्ती फेस शिल्ड बनाई है इसे बनाने में इको फ्रेंडली पदार्थ का प्रयोग किया गया है।



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